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पहले ज़माने की मां
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वो
जताती नहीं है
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वो
बताती नहीं है
भैया आज खाना
आप और मैं बना लें तो ?
पापा आज कपड़े
दीदी और आप सुखा लें तो ?
बस वह खामोश रहती है
कुछ भी तो कह पाती नहीं है
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वो
जताती नहीं है
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वो
बताती नहीं है
फ्रिज की बोतलें
इतनी जल्दी खाली हो जाती हैं
सिंक में बर्तनों की संख्या
तो बढ़ती ही जाती है
बाथरूम फ्लश प्लांट्स अलमीरा
उफ्फ कितना काम है
इस कमर के दर्द को भी
आता नहीं आराम है
अरे आटा बना रही हूं
क्या कोई कूड़ा बाहर फेंक आएगा ?
सब अपने कामों में मस्त हैं
वैसे भी ठंड में कौन बाहर जाएगा ?
पर मां को तो खामोशी के अलावा
कोई भी भाषा आती नहीं है
कलह क्लेश की आवाजें
उसे भाती नहीं है
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वो
जताती नहीं है
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वो
बताती नहीं है
ये दूध में भी
कितनी तेजी से उबाल आता है
पल भर में सारा दूध
फर्श तक बिखर जाता है
अरे यह पंखे लाइट
कौन खुले छोड़ जाता है ?
इसी जद्दोजहद में
उसका जीवन निकल जाता है
दोस्तों इक मां का साथ देने से
पूरा घर मुस्कुराता है
मां का प्यार ही तो है
जो हमें जीना सिखाता है
आंखों से करती है मनुहार
जुबां से कह पाती नहीं है
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वह
जताती नहीं है
आंखों से करती है मनुहार
जुबां से बताती नहीं है
ना थकती है ना रूकती है
ना ही आंसू बहाती है
हमारे हर सपने में
चाहतों के रंग भर जाती है
जाने किस मिट्टी की बनी है
हर पल मुस्कुराती है
हमारी जिंदगी को
अपनी चाहत से सजाती है
दोस्तों
अरे अपने घर का काम करने में
कैसी शर्म है ?
माना सख्त है जमी़ं
पर रिश्ते तो नरम हैैं
अरे झाड़ू कटका मर्दों का काम नहीं है
बस केवल इक भ्रम है
परिवार में मिलजुल कर काम करना
सभी का धर्म है
कुछ कहती नहीं पर
कुछ बोल भी पाती नहीं है
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वह जताती नहीं है
थकती मां भी है
यह अलग बात है कि वह बताती नहीं हैै
जिसको भी अपनी मां इस मां से मिलती सी लगे
कमेंट जरुर करिएगा ।
Sahi kaha ekdam!!
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