सशक्त नारी कितनी प्यारी

 हर पल मेरी जिंदगी में जो रंग भर जाती है आज उसका दिन है

मेरे घर के  कोने कोने को उम्मीदों से सजाती है आज उसका दिन है

ना थकती है ना रूकती है न झुकती है और ना ही टूटती है

हर मौसम में उत्साहित नजर आती है आज उसका दिन है

उसमें कमाल की हिम्मत और इंसानियत है

पूरे घर को एक माला में पिरो के रखती है ऐसी काबिलियत है

ना धूप में सुलगती है ना ठंड में जमती है

आए कैसी भी घड़ी ना डरती ना सहमती है

इसकी आंखों की चमक सदा परवान रहती है

ये खुद को बेटी कभी बहन और कभी मां कहती है

रिश्तो के महासागर मेंं ये गोते लगाती है 

जाने इतनी हिम्मत कहां से  लेकर आती है

कभी जो घुंघट में सहमी सी अचारों और मसालों की खुशबू में लिपटी थी

आज जो रॉकेट और एरोप्लेन चलाती है आज उसका दिन है 

मेरी जिंदगी में रंग भर जाती है आज उसका दिन है

मेरे घर के कोने कोने को उम्मीदों से सजाती है आज उसका दिल है

 जो मेरे हौसलों को रोज पुख्ता बनाती है आज उसका  दिन है ।

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